प्रकृति और पेड़ों से सीखें जीवन की अद्भुत 7 सीख || 7 Incredible Life Lessons To Learn From A Tree In Hindi!!-Another fabulous self-help article written by Nisheeth emphasizing on the great qualities of mother nature.
7 Incredible Life Lessons To Learn From A Tree!!
जिंदगी के कुछ कठिन लम्हों में जब आप अपने आप को सवालों से घिरे पाते हैं तो क्या आप जानते हैं की आपको क्या करना चाहिए?
पेड़ों से पूछिये !!
ये पढ़कर आपको थोड़ा अजीब लगा होगा लेकिन इस धरती पर हमें जो भी चीजें जानने की आवश्यकता है वो हम प्रकृति से जान सकते हैं। हम प्रकृति के नियमों को ध्यान से देखकर कर बहुत कुछ सीख सकते हैं।
अभी हाल - फ़िलहाल की ही बात है जब मैं अपने जीवन में कठिन दौर से गुजर रहा था और इस दौर से निकलने का कोई भी रास्ता मुझे नजर नहीं आ रहा था, फिर मैंने अपने आप को प्रकृति के गोद में सौंपने का फैसला किया और ये जानने के लिए तय किया की क्या प्रकृति के पास मेरे सवालों का जवाब है ?
मेरे घर से कुछ ही किलोमीटर के दूरी पर एक जंगल है और जिसमे लगभग ३०० साल पुराना वट वृक्ष है जो शान से अपना सीना ताने खड़ा है।
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उस पेड़ के पास पहुंचते ही मुझे अच्छा महसूस होने लगता है और मुझमे नयी प्रेरणा का श्रोत उमड़ने लगता है।
यह वट वृक्ष अत्यंत शक्तिशाली दिखता है, और ऐसा प्रतीत होता है की इसके जड़ें पातळ को छु रही होंगी, इस पेड़ की शक्तियां और विशालता देखकर मुझे ऐसा लगा की मुझे भी ऐसा ही बनना है, और फिर मैं आपने आप से ये सवाल करने लगा की आखिर मैं ऐसा कैसे बन सकता हूँ।
और फिर कई दिनों के मंथन के बाद मुझे मेरे सवालों के जवाब मिले, यही 7 अद्भुत जीवन के रहस्य मैं आपके साथ बांटने जा रहा हूँ।
7 Life Lessons To Learn From A Tree
१. हम सब के अंदर अपार संभावनाएं व् क्षमता है
किसी भी विशाल से विशाल पेड़ के बनने की सारी संभावनाएं उसके बीज में छिपी रहती है, अगर बीज अपने आप को उपजाऊ जमीन में रखने में कामियाब हो जाता है तो वह अवश्य एक विशाल वृक्ष के रूप में विकसित हो सकता है।
हम सब भी इसी धरती की उपज हैं और जो संभावनाएं किसी एक के लिए भी है वही सारी संभावनाएं हम सब के लिए भी उपलब्ध हैं, हम भी अगर अपने आप को उपजाऊ माहौल में रखने में कामियाब हो जाते हैं तो हम भी एक विशाल वृक्ष की तरह उभर सकते हैं।
जिन बीजों को जमीन के अन्दर के अँधेरे से डर लगता हैं और जो जमीन के ऊपर ही पड़े रहते हैं तथा छाओं वाली जगहों को खोजते रहते हैं और अपने आपको को बचाने की कोशिश करते रहते हैं वे हमेशा बीज ही बने रहेंगे, उनकी क्षमताएं कभी भी विकसित नहीं हो पाएंगी।
बेशक हम सब के अंदर अपार संभावनाएं होती हैं लेकिन हमें अपने अंदर के डर को मारकर स्वयं को उपजाऊ माहौल में लाना होगा, हमें अँधेरे से डरकर नहीं बल्कि उसका सामना करके उभरना होगा तभी हमारी संभावनाएं उपज पाएंगी।
३. जल्दीबाजी से बचना चाहिए
३०० साल पुराने वृक्ष को बड़े होने में ३०० साल लगते हैं। इस प्रक्रिया में कुछ भी जल्दीबाजी करना संभव नहीं है।
विकास होने में समय लगता है, और ठोस विकास में तो और भी ज्यादा समय लगता है। हमारे शरीर, हमारे व्यापार या फिर हमारे संबंध एक दिन में मजबूत नहीं होते है, इन्हे प्रगाढ़ होने में समय लगता है। और जब आप इस प्रक्रिया में जल्दीबाजी करने की कोशिश करने लगते हैं तो बातें बनने की वजय टूटने या बिगड़ने लगती हैं।
जरा सोचिये अगर आप विशाल और मजबूत पेड़ की टहनियों को कमजोर जड़ों पर रखने की कोशिश करेंगे, या फिर कमजोर टहनियों पर और भी विशाल शाखाएं जोड़ने को कोशिश करेंगे तो क्या होगा ?
4 . अपने ऊपर विश्वास रखना चाहिए
सभी बीजों का शुरूआती विकास हमेशा जमीन के अंदर होता है। शुरुआत में कई दिनों तक जब तक बीज अंकुरित नहीं हो जाता हमें ऐसा ही प्रतीत होता है की बीज में कुछ भी विकास नहीं हो रहा है लेकिन क्यूंकि सिर्फ आप इसे नहीं देख पा रहे हैं इसका मतलब ये नहीं है की विकास नहीं हो रहा है।
हम अक्सर नए प्रोजेक्ट्स, नयी शुरुआत, या फिर नए व्यापार को जल्द ही छोड़ देते हैं क्यूंकि हमें उनका परिणाम तुरंत नहीं दिखता लेकिन ये ध्यान रखें की सुदृढ़ परिणाम नजर आने में समय लगता है, तब तक हमें अपने पथ से विचलित नहीं होना चाहिए और अपने कार्यक्रम को जारी रखना चाहिए।
5. अपनी जिंदगी का मकसद जानने की कोशिश करनी चाहिए
हर विशाल पेड़ को अपनी जिंदगी का मकसद मालूम होता है, इसे यह भी पता होता है की यह इतना शक्तिशाली क्यों है। पेड़ों का सिर्फ एक ही मकसद होता है; सेवा करना। पेड़ जो भी जमीन से लेते हैं उसे अपनी पत्तियों, फलों और अक्सिजन के रूप में वापस कर देते हैं। इनके फलों से ही यह साईकल सदियों से चलता आ रहा है क्यूंकि पेड़ जानते हैं कि जो ये प्रकृति को देंगे वो अंत में इन्ही के पास वापस आ जाएगा।
और क्यूंकि हम भी प्रकृति का एक हिस्सा हैं हमपर भी समान नियम लागू होते हैं, जो भी हम सेवा करके दूसरों को या प्रकृति को देते हैं वही चीजें प्रचूर मात्रा में हमें वापस मिल जाती हैं।
६. कुछ भी हो जाये अपना स्वभाव नहीं बदलना चाहिए
पेड़ कभी भी दूसरों को जज नहीं करते, कभी भी दूसरों से अपनी तुलना नहीं करते और न ही भेद-भाव करते हैं। इन्हे डराया -धमकाया भी नहीं जा सकता और न ही इनके कार्यक्रमों में बल से कोई परिवर्तन लाया जा सकता हैं। अगर आप कुल्हाड़ियों से इन्हे काट भी देते हैं तो भी ये अपना काम निरंतर करते रहते हैं, बिना किसी शिकायत के। हम चोर हों गुंडे हों, राजा हों या फिर फ़क़ीर ये अपनी छाया, ढंडी हवा और फल हमें बिना किसी भेदभाव के हमसे बिना किसी चीज की उम्मीद के बिना हम सबको देते रहते है।
लेकिन हम हमेशा किसी एक से उनके सामजिक प्रतिष्ठा, उनके व्यवहार या फिर अन्य कई कारणों से पक्षपात करते हैं और दुसरो को मना कर देते हैं। अगर आप विकसित होना चाहते हैं तो सब के प्रति समान भाव रखें और कोई भी भेद - भाव करने से बचें।
7. अहंकार को त्याग देना चाहिए और विनम्र बनना चाहिए
पेड़ों में जरा भी घमंड नहीं होता है भले ही ये कितने ही विशाल क्यों न हों। ये अपनी विशालता को दूसरों को नीचे दिखने में इस्तेमाल नहीं करता न ही ये छोटे पेड़ों व् झाड़ियों को हीन दृष्टि से देखता है क्यूंकि इसे मालूम होता है की प्रकृति इस महान व्यवश्था में हर एक का अपना अलग रोल है। और सब अपना रोल अच्छे से निभाते हैं।
जैसे ही हम अपनी विनम्रता खोते हैं और ये विश्वास करने लगते हैं की हमारा जीवन दूसरे से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है क्यूंकि हमारे पास अधिक धन-सम्पदा, योग्यता या फिर सामजिक प्रतिष्ठा है, आप खो जाते हैं और अपने सही मकसद को भूल जाते हैं।
अगर आपको किसी खास गुण या फिर प्रतिभा से नवाजा गया है तो याद रखिये की ये स्थायी नहीं है और आपको ये गुण बेहतर ढंग से सेवा करने के लिए ये गुण दिए गए हैं ताकि आप अन्य व्यक्तियों को प्रेरित कर सकें और उन्हें विकसित होने में मदद कर सकें।
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great collection..inspiring as previous collection!
जवाब देंहटाएंBAHOT HI ACCHA LEKH HAI SIR BAHOT BAHOT DHANAYAWAADD
जवाब देंहटाएंHi
जवाब देंहटाएंsir/madam
your self development article
incredible life lessons to learn from a tree is a very nice.thank you so much
for post this article.