मुहावरे/लोकोक्तियाँ (Muhavare/Lokoktiyan)Proverbs/Idioms In Hindi,Popular Proverbs & Sayings प्रसिद्ध मुहावरे एवं कहावतें ... Proverbs Sayings Idioms and Phrases With Meaning in Hindi
Proverbs Sayings Idioms and Phrases With Meaning in Hindi
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घायल की गति घायल जाने : दुखी व्यक्ति की हालत दुखी ही जानता है।
घी खाया बाप ने सूंघो मेरा
हाथ : दूसरों की कीर्ति पर डींग मारने वालों पर उक्ति।
घोड़ा घास से यारी करे तो खाय
क्या : मेहनताना या किसी चीज का दाम मांगने में संकोच नहीं करना चाहिए
चक्की में कौर डालोगे तो चून
पाओगे : पहले कुछ रुपया पैसा खर्च करोगे या पहले कुछ खिलाओगे तभी काम हो सकेगा।
चट मँगनी पट ब्याह :
शीघ्रतापूर्वक मंगनी और ब्याह कर देना, जल्दी से अपना काम
पूरा कर देने पर उक्ति।
चमड़ी जाय पर दमड़ी न जाय :
बहुत अधिक कंजूसी करने पर उचित।
चार दिन की चाँदनी फिर
अँधेरी रात : थोड़े दिनों के लिए सुख तथा आमोद-प्रमोद और फिर दु:ख।
चाह है तो राह भी : जब किसी
काम के करने की इच्छा होती है तो उसकी युक्ति भी निकल आती है।
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चिकने घड़े पर पानी नहीं
ठहरता : बेशर्म आदमी पर किसी बात का असर नहीं होता।
चिकने मुँह सब चूमते हैं :
सभी लोग बड़े और धनी आदमियों की हाँ में हाँ मिलाते हैं।
चित भी मेरी, पट भी मेरी : हर तरह से अपना लाभ चाहने पर उक्ति।
चिराग तले अँधेरा : जहाँ पर
विशेष विचार, न्याय या योग्यता आदि की आशा हो वहाँ पर यदि
कुविचार, अन्याय या अयोग्यता पाई जाए।
बेवकूफ मर गए औलाद छोड़ गए :
जब कोई बहुत मूर्खता का काम करता है तब उसके लिए ऐसा कहते हैं।
चूल्हे में जाय : नष्ट हो
जाय। उपेक्षा और तिरस्कारसूचक शाप जिसका प्रयोग स्त्रियाँ करती हैं।
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चोर उचक्का चौधरी, कुटनी भई प्रधान : जब नीच और दुष्ट मनुष्यों के हाथ में अधिकार होता है।
चोर की दाढ़ी में तिनका :
यदि किसी मनुष्य में कोई बुराई हो और कोई उसके सामने उस बुराई की निंदा करे, तो वह यह समझेगा कि मेरी ही बुराई कर रहा है, वास्तविक
अपराधी जरा-जरा-सी बात पर अपने ऊपर संदेह करके दूसरों से उसका प्रतिवाद करता है।
चोर-चोर मौसेरे भाई : एक
व्यवसाय या स्वभाव वालों में जल्द मेल-जोल हो जाता है।
चोरी और सीनाजोरी : अपराध
करना और जबरदस्ती दिखाना, अपराधी का अपने को निरपराध सिद्ध
करना और अपराध को दूसरे के सिर मढ़ना।
चौबे गए छब्बे होने दुबे रह
गए : यदि लाभ के लिए कोई काम किया जाय परन्तु उल्टे उसमें हानि हो।
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छूछा कोई न पूछा : गरीब आदमी
का आदर-सत्कार कोई नहीं करता।
छोटा मुँह बड़ी बात : छोटे
मनुष्य का लम्बी-चौड़ी बातें करना।
जंगल में मोर नाचा किसने
देखा : जब कोई ऐसे स्थान में अपना गुण दिखावे जहाँ कोई उसका समझने वाला न हो।
जने-जने से मत कहो, कार भेद की बात : अपने रोजगार और भेद की बात हर एक व्यक्ति से नहीं कहनी
चाहिए।
जब आया देही का अन्त, जैसा गदहा वैसा सन्त : सज्जन और दुर्जन सभी को मरना पड़ता है।
जब ओखली में सिर दिया तो
मूसलों का क्या डर : जब कष्ट सहने के लिए तैयार हुआ हूँ तब चाहे जितने कष्ट आवें, उनसे क्या डरना।
जब तक जीना तब तक सीना : जब
तक मनुष्य जीवित रहता है तब तक उसे कुछ न कुछ करना ही पड़ता है।
जबरा मारे और रोने न दे : जो
मनुष्य जबरदस्त होता है उसके अत्याचार को चुपचाप सहना होता है।
जर, जोरू, ज़मीन जोर की, नहीं और
की : धन, स्त्री और ज़मीन बलवान् मनुष्य के पास होती है,
निर्बल के पास नहीं।
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जल की मछली जल ही में भली :
जो जहाँ का होता है उसे वहीं अच्छा लगता है।
थोथा चना बाजे घना : दिखावा बहुत करना परन्तु सार न होना।
दूर के ढोल सुहावने : किसी
वस्तु से जब तक परिचय न हो तब तक ही अच्छी लगती है।
नदी में रहकर मगरमच्छ से बैर
: अपने को आश्रय देने वाले से ही शत्रुता करना।
बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा
रुपैया : रुपये वाला ही ऊँचा समझा जाता है।
भेड़ जहाँ जायेगी, वहीं मुँडेगी : सीधे-सादे व्यक्ति को सब लोग बिना हिचक ठगते हैं।
रस्सी जल गई पर बल नहीं गया
: बरबाद हो गया, पर घमंड अभी तक नहीं गया।
अपने बेरों को कोई खट्टा
नहीं बताता : अपनी वस्तु को कोई बुरी नहीं बताता।
अपने मुँह मियाँ मिट्ठू :
अपने मुँह अपनी प्रशंसा करना।
अन्त भले का भला : अच्छे
आदमी की अन्त में भलाई होती है।
अन्धे के हाथ बटेर : अयोग्य
व्यक्ति को कोई अच्छी वस्तु मिल जाना।
जिसकी बंदरी वही नचावे और
नचावे तो काटन धावे : जिसकी जो काम होता है वही उसे कर सकता
है।
जिसकी बिल्ली उसी से म्याऊँ
करे : जब किसी के द्वारा पाला हुआ व्यक्ति उसी से गुर्राता है।
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जिसकी लाठी उसकी भैंस :
शक्ति अनधिकारी को भी अधिकारी बना देती है, शक्तिशाली की ही विजय होती है।
जिसके पास नहीं पैसा, वह भलामानस कैसा : जिसके पास धन होता है उसको लोग भलामानस समझते
हैं,
निर्धन को लोग भलामानस नहीं समझते।
जिसके राम धनी, उसे कौन कमी : जो भगवान के भरोसे रहता है, उसे किसी चीज की कमी नहीं
होती।
जिसके हाथ डोई (करछी) उसका सब
कोई : सब लोग धनवान का साथ देते हैं और उसकी खुशामद
करते हैं।
जिसे पिया चाहे वही सुहागिन
: जिस पर मालिक की कृपा होती है उसी की उन्नति होती है और
उसी का सम्मान होता है।
जी कहो जी कहलाओ : यदि तुम
दूसरों का आदर करोगे, तो लोग तुम्हारा भी आदर करेंगे।
जीभ और थैली को बंद ही रखना
अच्छा है : कम बोलने और कम खर्च करने से बड़ा लाभ होता
है।
जीभ भी जली और स्वाद भी न
पाया : यदि किसी को बहुत थोड़ी-सी चीज खाने को दी जाये।
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जीये न मानें पितृ और मुए
करें श्राद्ध : कुपात्र पुत्रों के लिए कहते हैं जो अपने पिता के जीवित रहने
पर उनकी सेवा-सुश्रुषा नहीं करते, पर मर जाने पर श्राद्ध करते हैं।
जी ही से जहान है : यदि जीवन
है तो सब कुछ है। इसलिए सब तरह से प्राण-रक्षा की चेष्टा
करनी चाहिए।
जुत-जुत मरें बैलवा, बैठे खाय तुरंग : जब कोई कठिन परिश्रम करे और उसका आनंद दूसरा उठावे तब
कहते हैं, जैसे गरीब आदमी परिश्रम करते हैं और
पूँजीपति उससे लाभ उठाते हैं।
जूँ के डर से गुदड़ी नहीं
फेंकी जाती : साधारण कष्ट या हानि के डर से कोई व्यक्ति काम नहीं छोड़ देता।
जेठ के भरोसे पेट : जब कोई
मनुष्य बहुत निर्धन होता है और उसकी स्त्री का पालन-पोषण उसका बड़ा भाई (स्त्री का
जेठ) करता है तब कहते हैं।
जेते जग में मनुज हैं तेते
अहैं विचार : संसार में मनुष्यों की प्रकृति-प्रवृत्ति तथा अभिरुचि भिन्न-भिन्न
हुआ करती है।
जैसा ऊँट लम्बा, वैसा गधा खवास : जब एक ही प्रकार के दो मूर्खों का साथ हो जाता है।
जैसा कन भर वैसा मन भर :
थोड़ी-सी चीज की जाँच करने से पता चला जाता है कि राशि कैसी है।
जैसा काछ काछे वैसा नाच नाचे
: जैसा वेश हो उसी के अनुकूल काम करना चाहिए।
जैसा तेरा ताना-बाना वैसी
मेरी भरनी : जैसा व्यवहार तुम मेरे साथ करोगे, वैसा ही मैं
तुम्हारे साथ करूँगा।
जैसा देश वैसा वेश : जहाँ
रहना हो वहीं की रीतियों के अनुसार आचरण करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें : हिंदी कहावतें एवं हिंदी मुहावरे - भाग 3 | Famous Hindi Idioms, Phrases And Proverbs-Part 3
इसे भी पढ़ें : हिंदी कहावतें एवं हिंदी मुहावरे - भाग 3 | Famous Hindi Idioms, Phrases And Proverbs-Part 3
Very good to enhance new generation knowledge about our mother language hindi, useful...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा ऑनलाइन कलेक्शन है आज की नई पीढ़ी को मुहावरों और लोकोक्तियों का अर्थ समझना चाहिए पुराने लोग तो हर बात में मुहावरों का प्रयोग करते थे।
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